लेखनी प्रतियोगिता -13-Jan-2023 पवित्र मन
समर्पण का मन होता है, सामने जब अद्भुत गुण होता है।
कभी किसी के जाने के बाद समर्पण का भाव उमड़ता, मन खुद ही प्रेम से समर्पण कर देता।
समर्पण धन की शक्ति से, नाश करवाता अय्याशी।
पवित्र मन होगा जब समर्पण दिल के करीब होगा, फिर प्रकृति का आंचल संग होगा।
कार्यक्षेत्र सदाबहार, अगर समर्पण का होगा भाव।
माता-पिता अपना परिवार यारों को समर्पण करके, तूने पाया सबका प्यार।
ईश्वर समर्पण ने ही किया, दुनिया में तेरा उद्धार।
Gunjan Kamal
14-Jan-2023 09:05 AM
शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻
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Abhinav ji
14-Jan-2023 07:39 AM
Very nice 👍
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
14-Jan-2023 07:18 AM
बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति
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